हम कुछ अलग और बेहतर करके
इंटरनेट को सभी के लिए
सुरक्षित बना रहे हैं.
उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा और निजता को हमने हमेशा अहमियत दी है. अपना हर प्रॉडक्ट बनाते समय भी हम इस बात का ध्यान रखते हैं. सुरक्षा टेक्नोलॉजी को बनाने और शेयर करने में, हम उद्योग जगत में सबसे आगे हैं. हमारे इस कदम से, उद्योग के बाकी लोग भी इस दिशा में कुछ अलग और बेहतर करने के लिए आगे आ रहे हैं.
उपयोगकर्ताओं को ऑनलाइन सुरक्षित रखने के लिए लगातार नए तरीकों पर काम करते हैं.
इंटरनेट पर सुरक्षा को लेकर नए खतरे बढ़ रहे हैं, तो उपयोगकर्ताओं की चाहतें भी बढ़ रही हैं. ऐसे में, हम लगातार नई खोज कर रहे हैं, ताकि हमारे सभी प्रॉडक्ट के उपयोगकर्ताओं की निजी जानकारी, जोखिम वाले हर लेवल पर अपने-आप सुरक्षित हो सके.
बेहतर सुरक्षा के लिए कार्यक्रम
उनके लिए जिन्हें इसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत है
बेहतर सुरक्षा के लिए कार्यक्रम, Google की सबसे मज़बूत खाता सुरक्षा सुविधा है. यह उद्योग जगत का पहला ऐसा मुफ़्त कार्यक्रम है जिससे उन लोगों के निजी और एंटरप्राइज़ Google खातों को ज़्यादा सुरक्षा मिलती है जिन्हें ऑनलाइन हमले का खतरा सबसे ज़्यादा होता है. जैसे, नीति निर्माता, कैंपेन टीम, पत्रकार, कार्यकर्ता, और बड़े कारोबारी. इस कार्यक्रम से, खाते को पूरी सुरक्षा देकर कई खतरों से बचाया जाता है. साथ ही, इसमें सुरक्षा से जुड़ी नई सुविधाएं जोड़ने की दिशा में लगातार काम चलता रहता है.
डेटा इकट्ठा करने पर प्रतिबंध
हम इस्तेमाल और सेव की गई निजी जानकारी को सीमित करते हैं
हमारा मानना है कि प्रॉडक्ट में आपकी जानकारी सिर्फ़ तब तक रहनी चाहिए, जब तक उसकी ज़रूरत हो और यह आपके लिए मददगार हो. फिर वह जानकारी, Maps में आपकी पसंदीदा जगह खोजने के लिए हो या YouTube में 'क्या देखें' से जुड़े सुझाव पाने के लिए.
जब आप जगह की जानकारी के इतिहास की सुविधा को पहली बार चालू करते हैं, जो डिफ़ॉल्ट रूप से बंद होती है, तो अपने-आप मिटने की सुविधा में मौजूद विकल्प, डिफ़ॉल्ट रूप से 18 महीने के लिए सेट हो जाएगा. नए खातों के लिए, वेब और ऐप्लिकेशन गतिविधि की अपने-आप मिटने की सुविधा भी, डिफ़ॉल्ट रूप से 18 महीने के लिए सेट हो जाएगी. इसका मतलब है कि यह सुविधा चालू होने पर, आपकी गतिविधि का डेटा 18 महीने के बाद, अपने-आप मिटता जाएगा. अगर यह सुविधा चालू नहीं होती है, तो आपको मैन्युअल तौर पर डेटा मिटाना होगा. आप जब चाहें, इन सेटिंग को बंद कर सकते हैं या अपने-आप मिटने वाली सेटिंग में, कभी भी बदलाव कर सकते हैं.
फ़ेडरेटेड लर्निंग
हम कम डेटा में काम आने वाले प्रॉडक्ट बनाते हैं
फ़ेडरेटेड लर्निंग, डेटा इकट्ठा करने पर पाबंदी लगाने वाली ऐसी टेक्नोलॉजी है जिसमें Google सबसे आगे है. यह टेक्नोलॉजी, आपके डिवाइस पर मशीन लर्निंग (एमएल) इंटेलिजेंस इस्तेमाल करने की सुविधा देती है. यह नई टेक्नोलॉजी अलग-अलग डिवाइसों से पहचान छिपाकर दी गई जानकारी को जोड़ती है, ताकि एमएल मॉडल को तैयार किया जा सके. फ़ेडरेटेड लर्निंग, आपके डिवाइस पर ज़्यादा से ज़्यादा निजी जानकारी रखकर, आपकी निजता बनाए रखने में मदद करती है.
पहचान छिपाना
हम पहचान छिपाकर, निजता सुरक्षा को मज़बूत बनाते हैं
हम अपनी सेवाओं को आपके लिए बेहतर बनाते हुए, आपके डेटा की सुरक्षा के लिए पहचान छिपाने की बेहतर तकनीकें इस्तेमाल करते हैं. उदाहरण के लिए, हम लाखों उपयोगकर्ताओं का डेटा इकट्ठा करते हैं और उसकी पहचान छिपाते हैं, ताकि आप यह देख सकें कि आपके किसी जगह पर पहुंचने से पहले वहां कितने लोग मौजूद हैं.
बेहतर सुरक्षित ब्राउज़िंग
बेहतर Safe Browsing, हमारी मौजूदा Safe Browsing सुरक्षा से कहीं आगे है. यह ज़्यादा असरदार है और इस सुविधा को आपकी ज़रूरतों के हिसाब से बनाया गया है. जो लोग Chrome में बेहतर Safe Browsing की सुविधा को चालू करने का विकल्प चुनेंगे उनके लिए, वेब पर आने वाले खतरों और Google खाते पर होने वाले हमलों की, Google अपने-आप पूरी जांच करेगा. इससे फ़िशिंग, मैलवेयर, और वेब से जुड़े अन्य खतरों से बचाने के लिए, लोगों को बेहतर और उनके हिसाब से बनाई गई सुरक्षा दी जा सकेगी. बेहतर Safe Browsing के बारे में ज़्यादा जानें.
ऑनलाइन सुरक्षित रखते हैं
वेब को सभी के लिए सुरक्षित जगह बनाना हमारी ज़िम्मेदारी है. ऐसा करने के लिए, हम अपनी ज़्यादातर टेक्नोलॉजी को ओपन सोर्स करते हैं. साथ ही, डेवलपर और संगठनों को हमारे संसाधनों का ऐक्सेस देते हैं.
एचटीटीपीएस से एन्क्रिप्ट (सुरक्षित) करने का तरीका
हम एन्क्रिप्ट (सुरक्षित) करने के तरीके से, पूरे वेब पर साइटों को सुरक्षित रखने में मदद करते हैं
हमारी सेवाओं को एचटीटीपीएस से एन्क्रिप्ट (सुरक्षित) किया जाता है. इससे यह पक्का होता है कि आप साइटों से सुरक्षित तरीके से कनेक्ट हो पाएं. साथ ही, आपकी निजी जानकारी, जैसे कि क्रेडिट कार्ड नंबर को कोई दूसरा व्यक्ति हासिल न कर सके. हमारी साइटें और सेवाएं डिफ़ॉल्ट रूप से मॉडर्न एचटीटीपीएस की सुविधा दें, इसके लिए हम काम करते रहेंगे. साथ ही, सभी डेवलपर को टूल और संसाधन उपलब्ध कराकर, बेव पर मौजूद बाकी सेवाओं को एचटीटीपीएस के साथ उपलब्ध कराने में मदद करेंगे.
Safe Browsing
हम वेब पर कहीं भी, जोखिम वाली साइटों, ऐप्लिकेशन, और विज्ञापनों से आपको सुरक्षा देते हैं
हम Safe Browsing टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं. यह टेक्नोलॉजी, जोखिम वाली वेबसाइटों पर जाने वाले वेब उपयोगकर्ताओं को चेतावनी देती है और उन्हें मैलवेयर और फ़िशिंग के संभावित खतरों से सुरक्षित रखती है. हम इंटरनेट को सभी के लिए ज़्यादा सुरक्षित बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं. इसलिए, हमने Safe Browsing टेक्नोलॉजी को सिर्फ़ Chrome के उपयोगकर्ताओं तक ही सीमित नहीं रखा है. दूसरी कंपनियां भी अपने ब्राउज़र में, इस टेक्नोलॉजी को मुफ़्त में इस्तेमाल कर सकती हैं. इनमें, Apple का Safari और Mozilla का Firefox ब्राउज़र भी शामिल है. आज 400 करोड़ से भी ज़्यादा डिवाइस, Safe Browsing टेक्नोलॉजी से सुरक्षित हैं. हम वेबसाइट के मालिकों को उनकी साइटों में सुरक्षा खामियां होने की सूचना भी देते हैं. साथ ही, समस्या का तुरंत समाधान करने के लिए, उन्हें मुफ़्त में उपलब्ध टूल की सुविधा देते हैं.
निजता सुरक्षा बेहतर करने के लिए ओपन सोर्स टेक्नोलॉजी
हम निजता सुरक्षा टेक्नोलॉजी और उसमें हो रहे सुधारों को शेयर करते हैं
अपनी निजता सुरक्षा को लगातार बेहतर बनाने और इन्हें दूसरों के साथ शेयर करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं. इसलिए, हम डिफ़रेंशियल निजता, फ़ेडरेटेड लर्निंग, और प्राइवेट ज्वॉइन ऐंड कंप्यूट जैसी पहचान छिपाने वाली और डेटा इकट्ठा करने पर पाबंदी लगाने वाली टेक्नोलॉजी को ओपन सोर्स करते हैं. हमारा मानना कि ओपन-सोर्स टूल की मदद से ऐसी अहम जानकारी मिलती है जिससे सभी को फ़ायदा पहुंचता है. इसमें, व्यक्ति की निजता का भी पूरा खयाल रखा जाता है.
सभी खातों की सुरक्षा की सुविधा, आपके Google खाते के साथ-साथ उन ऐप्लिकेशन और साइटों को भी सुरक्षा देती है जिनमें आपने 'Google साइन-इन' के साथ साइन इन किया है. जब ऐप्लिकेशन और साइटें, खातों की सुरक्षा की सुविधा का इस्तेमाल करने लगती हैं, तो हम उन्हें सुरक्षा से जुड़ी गतिविधियों, जैसे कि खाता हाइजैक होने की जानकारी भेज पाते हैं, ताकि वे आपकी भी सुरक्षा कर सकें. इस कारगर टेक्नोलॉजी को डेवलप करने के लिए, हमने दूसरी प्रमुख टेक्नोलॉजी कंपनियों और मानकों के जानकारों के साथ मिलकर काम किया, ताकि सभी ऐप्लिकेशन पर इसे आसानी से इस्तेमाल किया जा सके.
Google में, जोखिम का पता लगाने के लिए हमने इनाम कार्यक्रमों की शुरुआत की. इनके तहत, स्वतंत्र रूप से रिसर्च करने वालों को, हमारी सेवाओं में जोखिमों का पता लगाने के लिए इनाम दिया जाता है. Google के बाहर काम करने वाले कई लोग, हमारे उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित रखने में हमारी मदद करते हैं. उनके काम को पहचान देने के लिए, हम रिसर्च अनुदानों और गड़बड़ी का पता लगाने वाले कार्यक्रमों के ज़रिए, हर साल लाखों डॉलर इनाम के तौर पर देते हैं. फ़िलहाल, Chrome और Android के साथ-साथ हमारे कई और प्रॉडक्ट के लिए, जोखिम का पता लगाने वालों को इनाम देने के कार्यक्रम चालू हैं.
स्वतंत्र रूप से रिसर्च करने वालों के साथ मिलकर काम करने के अलावा, Google के पास अपनी इंजीनियरिंग टीम भी है. इसका नाम प्रोजेक्ट ज़ीरो है. इंटरनेट पर कहीं भी इस्तेमाल किए जा रहे सॉफ़्टवेयर में, अगर सुरक्षा से जुड़ी कोई समस्या आती है, तो यह टीम उसको ट्रैक करती है और उसे ठीक करने के लिए काम करती है.
हम दूसरों के साथ मिलकर, वेब पर साइन-इन और पुष्टि करने के सबसे मज़बूत मानक तैयार करने या अपनाने की दिशा में, हमेशा से आगे रहे हैं. हम इस उद्योग के लोगों के साथ मिलकर काम करते हैं और वेब के लिए एक जैसे मानक तैयार करके, टेक्नोलॉजी शेयर करते हैं. गैर-लाभकारी संस्था FIDO Alliance के साथ साझेदारी करते हुए, हमने उपयोगकर्ताओं, कंपनियों, और उनके कर्मचारियों के इस्तेमाल के लिए, नए उद्योग मानक तैयार किए और उन्हें लागू किया. साथ ही, यह भी पक्का किया कि उन सभी के खाते का ऐक्सेस सुरक्षित रहे.
जब भी हमें लगता है कि हमारी सुरक्षा टेक्नोलॉजी से दूसरे लोगों को भी फ़ायदा पहुंच सकता है, तो हम उसे शेयर करते हैं. उदाहरण के लिए, हम डेवलपर को अपने Google Cloud Web Security Scanner की सुविधा मुफ़्त में उपलब्ध कराते हैं, ताकि सुरक्षा से जुड़े संभावित खतरों का पता लगाने के लिए, वे अपने वेब ऐप्लिकेशन को स्कैन कर सकें और उसका विश्लेषण कर सकें. हमने Google में डेवलप किए गए कई सुरक्षा टूल, ओपन-सोर्स प्रोजेक्ट के तौर पर उपलब्ध कराए हैं, ताकि दूसरे लोग इन्हें इस्तेमाल कर सकें.
ऑनलाइन सुरक्षित रहने के तरीके सिखाने के लिए, हम दुनिया भर में लोगों को इसकी जानकारी देने वाली सामग्री, ट्रेनिंग और टूल उपलब्ध कराते हैं. हमारी आउटरीच टीम ऑनलाइन सुरक्षा संसाधन और ट्रेनिंग उपलब्ध कराने के लिए, हर साल 10 करोड़ से भी ज़्यादा लोगों तक पहुंचती है. इन लोगों में शिक्षक, छात्र-छात्राएं, अभिभावक, बुज़ुर्ग और दिव्यांग व्यक्ति शामिल होते हैं.
प्रोजेक्ट शील्ड एक ऐसी सेवा है जो न्यूज़, मानवाधिकार संगठनों, चुनाव से जुड़ी साइटों, राजनैतिक संगठनों, कैंपेन, और उम्मीदवारों को, सेवा में रुकावट अटैक (DDoS) से बचाती है. इसके लिए, यह हमारी सुरक्षा टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करती है. इस तरह के अटैक से वेबसाइटों पर बहुत ज़्यादा नकली ट्रैफ़िक भेजा जाता है, ताकि वे काम करना बंद कर दें और उपयोगकर्ता अहम जानकारी हासिल न कर सकें. वेबसाइट पर चाहे कितना भी डेटा हो या कैसा भी अटैक हो, प्रोजेक्ट शील्ड की सेवाएं हमेशा मुफ़्त में इस्तेमाल की जा सकती हैं.
हमने एक ओपन-सोर्स डेटा पोर्टेबिलिटी प्लैटफ़ॉर्म लॉन्च किया है. साथ ही, हम Apple, Microsoft, Facebook, और Twitter जैसी कंपनियों के साथ मिलकर काम करते हैं, ताकि वेब पर कहीं भी, लोग आसानी से अपने डेटा को ट्रांसफ़र कर सकें और नए ऑनलाइन सेवा देने वालों को आज़मा सकें.
हमारा मकसद है कि हम मिलकर काम करने के लिए प्राइवसी सैंडबॉक्स जैसे और भी स्पेस क्रिएट करें. साथ ही, वेब कम्यूनिटी के साथ खुले मानकों का एक ऐसा सेट डेवलप करने की दिशा में काम करें जो उपयोगकर्ता की निजता को सुरक्षित रखे. ऐसा करते हुए, हम यह ध्यान रखते हैं कि वेब पर कहीं भी, मुफ़्त और आसानी से ऐक्सेस किए जाने वाले कॉन्टेंट उपलब्ध रहें. हम अपने संसाधन और प्लैटफ़ॉर्म शेयर करते हैं, ताकि निजी तौर पर ज़्यादा सुरक्षित वेब ब्राउज़िंग का अनुभव, ज़्यादा लोगों तक पहुंच सके.
संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों का पता लगाना
हम उपयोगकर्ता की निजता की सुरक्षा करते हैं
COVID-19 महामारी से लड़ने में सरकारों की मदद करने के लिए, Google और Apple ने साथ मिलकर एक्सपोज़र नोटिफ़िकेशन सिस्टम जैसी टेक्नोलॉजी बनाई है. इससे, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों का पता लगता है. इसे बनाते समय, निजता और सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा गया है. हमें लगता है कि टेक्नोलॉजी का ज़्यादा से ज़्यादा इस्तेमाल करके, हम दुनिया भर की समस्याओं को हल कर सकेंगे. इसके लिए, हम डेवलपर, सरकारों, और सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. इस दौरान, हम ध्यान रखते हैं कि उपयोगकर्ता की निजता की सुरक्षा के साथ कोई समझौता न हो.